नमस्कार दोस्तों, आज का हमारा टॉपिक है कि Link Equity क्या है? और SEO में क्या importance है स्टेप बय स्टेप जाने!🙎
अगर आप एक वेबसाइट या ब्लॉग के मालिक हैं, तो आपने शायद “SEO“ के बारे में सुना होगा।
यदि आप अपने वेबसाइट के लिए अधिक ट्रैफिक और search में ऊपर रैंकिंग प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको SEO के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए।
एक अहम factor जो आपके website की रैंकिंग में अहम भूमिका निभाता है, वह है “Link Equity”
यह एक SEO कंसेप्ट है जो बहुत से वेबमास्टर्स को पता नहीं होता है। लेकिन, इसे समझने के बाद आप अपने वेबसाइट के लिए बेहतर link building strategies का उपयोग कर सकते हैं।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको “Link Equity” के बारे में बताएंगे कि यह क्या है और इसका महत्व क्या है।
इसके अलावा, हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इसे बेहतरीन तरीके से अपने website के लिए उपयोग कर सकते हैं।
Table of Contents
SEO में Link Equity क्या है (What is Link Equity in Hindi)
Link Equity एक SEO टर्म है, जो आपके website के लिए बहुत जरूरी है।
Link Equity का मतलब होता है कि एक website या वेबपेज को दूसरी website या वेबपेज से मिलने वाले लिंक के द्वारा प्राप्त अधिकार या प्रभाव।
यदि कोई प्रसिद्ध और प्रभावशाली website आपके वेबपेज से link करता है तो उसके द्वारा प्राप्त Link Equity आपके वेबपेज के लिए बहुत फायदे हो सकता है।
इससे आपके वेबपेज की सर्च इंजन रैंकिंग बढ़ती है और आपके website की अथॉरिटी भी बढ़ती है।
Link Equity को बढ़ाने के लिए आपको High-quality और relevant content क्रिएट करना चाहिए, जिसे लोग खुद ही आपके वेबपेज से link करने का प्रयास करेंगे।
इसके अलावा, आपको दूसरे famous websites के साथ दोस्ती करके उनसे अपने वेबपेज के लिए लिंक लेना चाहिए।
लेकिन ध्यान रखें कि आपको स्पैमी लिंक्स से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी website की रैंकिंग और अथॉरिटी पर असर पड़ सकता है।
Link Equity का इतिहास
Link Equity का इतिहास, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) के शुरू से शुरू होता है। जब सर्च इंजन जैसे Google, Yahoo और Bing शुरू हुए, तो उन्हें रैंकिंग एल्गोरिथम विकसित करना था, जो वेबपेज को रैंक करता है।
वेबपेज ranking algorithm को विकसित करने के लिए, सर्च इंजनों को बहुत से factors को ध्यान में रखना चाहिए जैसे
Webpage content, Meta tags और External linking, दूसरे वेबपेज से incoming link, बहुत महत्वपूर्ण फैक्टर है वेबपेज रैंकिंग में।
गूगल ने 1996 में शुरू किया था, और 1998 में उन्होंने PageRank algorithm लॉन्च किया था, जिसमे incoming links का महत्व बहुत ज्यादा था।
पेजरैंक एल्गोरिदम ने Link Equity को बहुत महत्व दिया और ये एल्गोरिदम आज भी गूगल रैंकिंग का एक महत्वपूर्ण factor है।
इसके अलावा, Link Equity के साथ-साथ, Link Quality भी बहुत महत्वपूर्ण factor हैं, जो वेबपेज Ranking और Authority पर बहुत प्रभाव डालते हैं।
अभी भी, Link Equity को बढ़ाने के लिए high quality वाली और relevant content बनाना और दूसरे famous websites से लिंक लेना, बहुत महत्वपूर्ण है।
Link Equity कैसे काम करती है
Link Equity काम करने का तारिका बहुत आसान है।
- जब कोई दूसरी website या वेबपेज आपके वेबपेज से लिंक करता है, तो उसके द्वारा प्राप्त Link Equity आपके वेबपेज के लिए बहुत ज्यादा फायदा होता है।
Link Equity काम करने के दो तरीके हैं: 👇🙎
1.) PageRank
गूगल के search engine ranking algorithm का एक महत्वपूर्ण फैक्टर पेजरैंक है, जिसमें incoming links का महत्व बहुत ज्यादा है।
जब कोई दूसरा वेबपेज आपके वेबपेज से लिंक करता है, तो उसके वेबपेज के PageRank से एक उसका आपके वेबपेज के PageRank में ऐड हो जाता है।
जितने ज्यादा High-quality और relevant incoming links होंगे, उतने ही ज्यादा आपके वेबपेज के पेजरैंक और सर्च इंजन रैंकिंग बढ़ाएंगे।
2.) Traffic
जब कोई दूसरी website आपके वेबपेज से लिंक करती है, तो उससे उसकी ऑडियंस भी आपके वेबपेज पर आने लगती है।
जब आपके वेबपेज पर ज्यादा ट्रैफिक आता है, सर्च इंजन के लिए यह high quality वाला और relevant वेबपेज मानता है और आपके वेबपेज की रैंकिंग और अथॉरिटी दोनो बढ़ती है।
लेकिन ध्यान रखें कि आपको सिर्फ High quality और relevant links से मतलब होना चाहिए। स्पैमी लिंक दूर रहे, क्योंकि इसे आपकी वेबपेज की सर्च इंजन रैंकिंग और अथॉरिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
Link Equity के प्रकार (Type of Link Equity)
Link Equity में निम्नलिखित प्रकार शामिल है जैसे:
- Internal Link Equity
- External Link Equity
- Inbound Link Equity
- Outbound Link Equity
- No-Follow Link Equity
1.) Internal Link Equity
जब आपके website के एक वेबपेज दूसरे वेबपेज से लिंक करते है, तो उसे इंटरनल Link Equity कहते हैं।
ये इंटरनल लिंकिंग का एक महत्वपूर्ण फैक्टर है और इसे आपके website के रैंकिंग और अथॉरिटी दोनो पर फायदा होता है।
2.) External Link Equity
जब दूसरे website आपके वेबपेज से लिंक करते हैं, तो उसे एक्सटर्नल Link Equity कहते हैं।
एक्सटर्नल लिंकिंग आपके वेबपेज की authority और search engine ranking के लिए बहुत important है, क्योंकि ये सर्च इंजन को ये बताता है कि दूसरे famous websites आपके वेबपेज को भरोसेमंद और वैल्यूएबल मानते हैं।
3.) Inbound Link Equity
जब आपके वेबपेज पर दूसरी website से इनकमिंग लिंक आते हैं, तो उसे इनबाउंड Link Equity कहते हैं।
inbound linking आपके वेबपेज की authority और search engine ranking दोनों पर बहुत जरूरत है, क्योंकि ये आपके वेबपेज को दूसरी website और सर्च इंजन के लिए वैल्यूएबल और भरोसेमंद बनाता है।
4.) Outbound Link Equity
जब आपके वेबपेज दूसरे websites को लिंक करता है, तो उससे आउटबाउंड Link Equity कहते हैं।
ये भी आपके वेबपेज के लिए बहुत जरूरी होता है, क्योंकि ये आपके वेबपेज की अथॉरिटी को बढ़ाता है और यूजर्स को High-quality और relevant content मुहैया कराता है।
5.) No-Follow Link Equity
जब कोई website आपके वेबपेज से Nofollow link करता है, तो उसे नो-फॉलो Link Equity कहते हैं।
नो-फॉलो लिंक आपके वेबपेज की authority और search engine ranking पर सीधा प्रभाव नहीं डालते हैं, लेकिन ये आपके वेबपेज को स्पैमी लिंक से दूर रखता है और आपकी website की visibility को बनाए रखता है।
Link Equity के फायदे और नुकसान
फ़ायदे (Pros)
1.) सर्च इंजन रैंकिंग: Link Equity आपके वेबपेज की सर्च इंजन रैंकिंग को बढ़ाता है, क्योंकि search engine incoming links को High-quality और relevant content का एक indicator मानता है।
जितने ज्यादा High-quality और relevant incoming links होंगे, उतना ही ज्यादा आपके वेबपेज की सर्च इंजन रैंकिंग बढ़ेगी।
2.) अथॉरिटी: Link Equity आपके वेबपेज की अथॉरिटी को बढ़ाता है, क्योंकि इनकमिंग लिंक आपके वेबपेज को भरोसेमंद और वैल्युएबल मांगते हैं।
इसे आपकी website की क्रेडिबिलिटी और अथॉरिटी दोनो बढ़ती है।
3.) ट्रैफिक: जब दूसरी websites आपके वेबपेज से लिंक करते हैं, तो उनकी ऑडियंस भी आपके वेबपेज पर आने लगती है।
इससे आपके वेबपेज पर ज्यादा ट्रैफिक आता है और आपकी website की विजिबलिटी और पॉपुलैरिटी दोनो बढ़ती है।
4.) ब्रांडिंग: जब आपकी website को फेमस website से लिंक मिलते हैं, तो इसे आपकी website की ब्रांडिंग और प्रतिष्ठा दोनो पर फायदा होता है।
इससे आपकी website का नाम प्रसिद्ध होता है और लोगो के मन में आपकी website की क्रेडिबिलिटी और अथॉरिटी दोनो बढ़ती है।
नुक्सान (Cons)
1.) स्पैमी लिंक्स: अगर आपकी website पर स्पैमी लिंक होते हैं, तो इसे आपकी website की सर्च इंजन रैंकिंग और अथॉरिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, आपको सिर्फ High-quality और relevant links से मतलब होना चाहिए।
2.) एंकर टेक्स्ट ओवरयूज: अगर आप अपने वेबपेज के लिंक्स में ज्यादा Anchor text का इस्तेमाल करते हैं, तो इसे आपकी website की सर्च इंजन रैंकिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसलिए, आपको अपने वेबपेज के लिंक में Natural और relevant anchor text का ही उपयोग करना चाहिए।
3.) आउटडेटेड लिंक्स: अगर आपके वेबपेज पर पुराने और ब्रोकन लिंक होते हैं, तो इसे आपकी website की क्रेडिबिलिटी और अथॉरिटी पर नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है।
इसलिए, आपको अपने वेबपेज के लिंक्स को नियमित रूप से अपडेट करना चाहिए।
Conclusion
तो दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हमने जाना कि Link Equity क्या होता है और इसका SEO में क्या फायदा है
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने Link Equity in Hindi के बारे में हर फैक्टर की जानकारी देने की कोसिस की है अगर आपको इस पोस्ट से लेकर कोई सवाल या सुझाव है तो हमें comment बॉक्स में जरूर बताये
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