Keyword Density क्या होती है ये SEO को कैसे प्रभावित करती है?

Keyword density kya hai

आज हम बात करने वाले है “Keyword Density क्या होती है” और यह SEO में कैसे नुकसान पहुँचा सकती है?” यह एक महत्वपूर्ण और रोचक विषय है जो website और blog posts की effective information प्रदान करने और आपके SEO (Search Engine Optimization) प्रयासों को सफल बनाने में मदद कर सकता है।

जबकि पहले सिर्फ यह जरूरी था कि आपकी content उचित और मान्य होनी चाहिए, आजकल यह महत्वपूर्ण है कि आपके ब्लॉग पोस्ट में सही तरीके से word density (Keyword density) का उपयोग किया जाए।

पहले पैराग्राफ में, हम बात करेंगे कि Keyword Density kya hoti hai?

Keyword Density वह part है जिसमें एक focus keyword की उपस्थिति आपके content की word number के माप के रूप में प्रकट होती है।

यह उपाय वेब क्रॉलर और खोज इंजन को बताता है कि आपके content का विषय क्या है।

यह आपके webpage को समझने में मदद कर सकता है लेकिन अगर आप Keyword Density को जयादा या गलत तरीके से उपयोग करते हैं, तो यह आपके SEO प्रयासों को नुकसान पहुँचा सकती है।

चलिए जानते है ”Keyword Density” के बारे में डिटेल सहित 👇🤠

Keyword Density क्या होती है (What is Keyword Density in Hindi)

Keyword Density (word serious) एक SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) की technique है, जिस्मे एक webpage पर एक focus keyword का उपयोग किया जाता है।

Keyword Density को आम तौर पर प्रतिशत के तौर पर व्यक्त किया जाता है, जिसमे webpage के total words से कैलकुलेट किया जाता है।

Keyword Density का मुख्य लक्ष्य है कि सर्च इंजन, जैसे की Google, Bing, Yahoo, इत्यादी, को समझें और समझने में असानी हो की एक webpage किस विषय पर फोकस कर रहा है।

जब कोई व्यक्ति एक focus keyword को ज्यादा बार webpage पर इस्तमाल करता है, तो सर्च इंजन को हमें keyword के महत्व पूर्ण होने का संकेत मिल जाता है।

Keyword Density की गिनती में, total words में किसी स्पेसिफिक keyword के कितने बार इस्तेमाल किए गए हैं, को काउंट करता है।

इसकी गिनती में webpage की overall length को भी ध्यान में रखा जाता है।

Keyword Density का सामान्य नियम है कि Keyword Density 1% से 3% के बीच होनी चाहिए। ✅

लेकिन ये निर्भर करता है कि आपके keyword और आपके target audience क्या है🤔। बहुत ज्यादा Keyword Density, जिसे keyword stuffing कहते हैं, सर्च इंजन में पेनल्टी के लिए करण बन सकता है।

हलांकि, Keyword Density की एकमात्र फोकस नहीं होनी चाहिए।

आपको भी दूसरे SEO techniques, जैसे की high quality वाला content, relevancy, user experience, backlinks, और on-page SEO पर ध्यान देना चाहिए, ताकि आपकी वेबसाइट search engine ranking में उच्च स्थान प्राप्त कर सके।

Keyword Density का इतिहास (History of Keyword Density in Hindi)

Keyword Density की प्रथा बहुत पुरानी है और SEO के विकास के साथ जुडी है।

पहले के समय में, सर्च इंजन keywords को समझने और webpage की ranking को निर्धारीत करने के लिए Keyword Density पर अधिक बल देते हैं।

इस समय, वेबमास्टर्स keywords को webpage पर बार-बार इस्तमाल करने में अधिक ध्यान देते हैं और इस प्रक्रिया को “keyword स्टफिंग” कहते हैं।

लेकिन जैसे सर्च इंजन और SEO की प्रगति में सुधार होते गए, Keyword Density का महत्व कम हो गया।

सर्च इंजन, जैसे की गूगल, अपनी एल्गोरिदम में बहुत सारे फैक्टर्स को समझने की कोशिश करते हैं, जिस्मे content quality, relevancy, user experience, backlinks, और social signals शामिल होते हैं।

Google ने अपने एल्गोरिदम में बहुत सारे बदलाव किए हैं, जैसे कि 👇

  • Google Panda
  • Google Penguin
  • Google Hummingbird

बदलाव के साथ में, Keyword Density का महत्व कम हो गया और अब सर्च इंजन content की overall quality और user के लिए उपयोग करने पर ज्यादा ध्यान देते हैं।

आज के समय में, Keyword Density की गणना और ऑप्टिमाइज़ेशन सिर्फ एक प्रश्न है, लेकिन बहुत सारे और भी फैक्टर हैं जिनपर ध्यान देना जरूरी है।

  • आपको high quality वाली content लिखना चाहिए जो users के लिए जानकारीपूर्ण, आकर्षक और सहायक हो।

तो, ये Density का इतिहास है कि पहले ये बहुत महत्त्वपूर्ण था, लेकिन अब SEO की प्रकृति और Search Engine Algorithms में बहुत सारे फैक्टर शामिल हैं, जिनपर ध्यान देना जरूरी है।

Keyword Density Example सहित समझाइये in Hindi

चलो, एक Keyword Density Example के साथ समझते हैं।

मान लीजिए कि आप एक blog post लिख रहे हैं जिसका विषय है “Healthy Breakfast Recipes” और आपका target keyword है “Healthy Breakfast”। अब आपका blog post कुल 500 शब्दों का है और आप “Healthy Breakfast” को 10 बार इस्तमाल करते हैं।

क्या मामले में, आपकी Keyword Density को कैलकुलेट करने के लिए आपको नीचे दिए गए फॉर्मूला का प्रयोग करना होगा: 👇

Keyword Density = (Total Keyword Occurrences / Total Words)* 100

तो, हमारा कुल Keyword Density 10 है और कुल शब्द 500 है। इसके आधार पर Keyword Density को कैलकुलेट कर लेते हैं:

Keyword Density = (10/500) * 100

Keyword Density = 2%

यहां पर Keyword Density 2% है, यानी आपने अपने blog post में target keyword “Healthy Breakfast” को 2% density के साथ इस्तमाल किया है।

ये एक उदहारण है, लेकिन ध्यान रहे की Keyword Density सिर्फ एक SEO फैक्टर है और आपको दूसरे On-page and off-page optimization technique पर भी ध्यान देना चाहिए।

इसके अलावा, आपको अपने content को यूजर्स के लिए उपयोग और सूचनात्मक बनाने पर भी फोकस करना चाहिए।

Keyword Density कैसे काउंट करते है

Keyword Density को काउंट करने के लिए, आपको नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा: 👇👇

Step-1.) Webpage को सेलेक्ट करें: पहले, आपको जिस webpage का Keyword Density काउंट करना है, उसे सेलेक्ट करें।

ये हो सकता है कि आप अपने content management system (CMS) में webpage को ओपन करें या फिर वेब ब्राउजर में हम webpage का URL एंटर करें।

Step2.) Total Words काउंट करें: अब आपको selected webpage के टोटल वर्ड्स काउंट करने होंगे।

इसके लिए आप online word count tools का प्रयोग कर सकते हैं या फिर अपने word processor (Microsoft Word) में वर्ड काउंट फीचर का प्रयोग कर सकते हैं।

Step-3.) Keyword Equrance काउंट करें: अब आपको selected webpage में आपके target keyword का कितना बार इस्तेमल किया गया है, उसका काउंट करना होगा।

आप मैन्युअल रूप से keyword कितनी बार प्रयोग में आया गिन सकते हैं या फ़िर “Find” (Ctrl+F) फीचर का उपयोग कर सकते हैं।

इस फीचर से आप keyword को सर्च करके उसकी इन्वॉल्वमेंट को काउंट कर सकते हैं।

Step-4.) Keyword Density कैलकुलेट करें: Keyword Density को कैलकुलेट करने के लिए, आपको नीचे दिए गए फॉर्मूला का प्रयोग करना होगा:

Keyword Density = (Total Keyword Occurrences / Total Words) * 100

इस फॉर्मूला में आप Total keywords equipments को total words से divide करेंगे और फिर 100 से multiply करेंगे।

इससे आप Keyword Density को प्रतिशत (%) में प्राप्त करेंगे।

Step-5.) Result Analysis करें: अब आपको आपने कैलकुलेट किया हुआ Keyword Density का रिजल्ट एनालिसिस करना होगा।

Keyword Density आमतौर पर 1% से 3% के बीच होना चाहिए, लेकिन ये आपके target keyword, industry और competition पर भी निर्भर करता है। अगर आपको Keyword Density बहुत ज्यादा है (keyword stuffing), तो आपको इसे कम करना चाहिए।

ये है keyword density count करने का basic process। ✅🙎

ध्यान रहे की keyword density सिर्फ एक SEO फैक्टर है और आपको दूसरे optimization techniques और user experience पर भी ध्यान देना चाहिए।

Blog Post लिखते समय Keyword Density कितनी होनी चाहिए?

Keyword Density का एक सामान्य नियम है कि 1% से 3% के बीच होनी चाहिए। यानी, आपके target keyword का इस्तमाल आपके blog post के टोटल वर्ड्स का 1% से 3% हिस्सा होना चाहिए।

इससे आपका keyword सर्च इंजन के लिए relevant और महत्वपूर्ण लगता है।

लेकिन, Keyword Density एकमात्र फैक्टर नहीं है जो आपको फोकस करना चाहिए। आपको भी दूसरे SEO techniques और best practices का ध्यान देना चाहिए, जैसे की high quality वाली content लिखना, Relevancy, User Experience, और Natural Language का प्रयोग करना।

आपको अपने content को पाठकों के लिए valuable और informative बनाने पर फोकस करना चाहिए।

Keyword Density का एक anniversary rule नहीं है और हर webpage और keyword के लिए ये अलग-अलग कर सकते हैं। इसलिए, आपको Keyword Density के साथ-साथ बढ़िया Content Optimization पर भी ध्यान देना चाहिए।

आपको अपने target keyword को सही-सही इस्‍तेमाल करते हुए, एक relevant और meaningful content लिखना चाहिए, जो आपके दर्शकों के लिए मददगार और आकर्षक हो।

Blog Post लिखते समय Keyword Density क्यों ध्यान रखना चाहिए?

Keyword Density को blog post लिखते समय ध्यान में रखना चाहिए क्योंकी: 👇👇

  • Search Engine Optimization (SEO): Keyword Density, सर्च इंजन को बताता है कि आपका blog post किस विषय पर फोकस कर रहा है। सर्च इंजन, जैसे की गूगल, आपके target keyword का इस्तमाल और उसकी density पर ध्यान देते हैं, और इसे आपकी webpage की relevancy और ranking में मदद मिलती है।
  • Search Engine Ranking: अगर आप अपने target keyword को सही density के साथ इस्तेमाल करते हैं, तो आपकी संभावना बढ़ जाती है कि search engine ranking में ऊंचे स्थान पर पहुंचें। सर्च इंजन, high-quality content के साथ सही Keyword Density को preference देते हैं और आपकी webpage को relevant और official समझते हैं।
  • User Experience: Keyword Density को मेंटेन करना, आपके readers के लिए भी अच्छा होता है। अगर आप keyword को सही तारिके से और सही density के साथ इस्तेमाल करते हैं, तो आपके content को पढ़ने वाले यूजर्स को आपकी blog post का subject क्लैरिटी से समझ में आता है। इससे उनका user experience इम्प्रूव होता है।
  • Keyword स्टफिंग से बचें: Keyword Density का ध्यान रखना, keyword स्टफिंग को रोकने में मदद करता है। Keyword स्टफिंग, जहां आप keyword को बार-बार और अनियामित तारिके से इस्तमाल करते हैं, तो आप सर्च इंजन में पेनल्टी शिकार हो सकते हैं। Keyword Density को समझदार तारिके से मेंटेन करके आप keyword स्टफिंग से बचा सकते हैं।

ये सभी पॉइंट बताते हैं कि Keyword Density, SEO और User Experience के लिए एक महत्वपूर्ण फैक्टर है।

लेकिन ध्यान रहे, Keyword Density एकमात्र फैक्टर नहीं है। आपको दूसरे Optimization technique, high quality content, relevancy, और user engagement पर भी ध्यान देना चाहिए।

Keyword Density के नुकसान (Disadvantage of Keyword Density in Hindi)

Keyword Density को समझदार तारिके से इस्तमाल करना जरूरी है, क्योंकि उसका अत्यधिक इस्तमाल कुछ नुकसान भी ला सकता है।

यहां कुछ नुकसान हैं जो Keyword Density का अत्यधिक इस्तमाल करने से हो सकते हैं: 👇🔴

  • Keyword Stuffing: Keyword Density का अत्यधिक इस्तमाल keyword स्टफिंग के रूप में आता है, जहां आप keyword को बार-बार और अनियामित तरीके से इस्तेमाल करते हैं। सर्च इंजन, जैसे की गूगल, keyword स्टफिंग को spamming की तरह देखते हैं और आपकी webpage को पेनालाइज कर सकते हैं। इसे आपकी search engine ranking घट सकती है और आपके content की क्रेडिबिलिटी पर भी असर पड़ सकता है।
  • Poor Readability: अगर आप Keyword Density को इतना ज्यादा करते हैं कि आपका content के natural flow और readability पर प्रभाव डालता है, पाठकों को आपकी blog post पढ़ने में दिक्कत हो सकती है। Keyword Density को समझ तारिके से इस्तमाल करते हुए भी, आपको अपने content की readability पर ध्यान देना चाहिए ताकि यूजर्स को आपका content आसानी से समझ में आए
  • User Experience: Keyword Density का अत्यधिक इस्तमाल आपके यूजर्स के लिए भी खराब हो सकता है। अगर आप content में keyword को इतना ज्यादा इस्तमाल करते हैं कि यूजर्स को लगता है कि आप सिर्फ search engine ranking के लिए लिख रहे हैं, तो उनका user experience खराब हो सकता है। यूजर Informative, engaging और valuable content की अपेक्षा करते हैं, जिस्मे keyword density नियमित हो और उनकी ज़रूरतों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करें।
  • Unnatural Language: अगर आप Keyword Density के लिए keyword को जबरदस्ती से इस्तमाल करते हैं, तो आपके content की भाषा और टोन अनियामित और आसवभाविक लग सकता है। सर्च इंजन भी आपके content की नेचुरल लैंग्वेज पर ध्यान देते हैं और आसवभाविक Keyword Density अनको स्पैमी content की तरह दिखाती देती है।

इसलिए, Keyword Density को समझदार तारिके से और मात्रा में इस्तमाल करना जरूरी है।

आपको अपने content quality, relevancy, और user experience पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि आपका वेबपेज search engine ranking में बढ़ी जगह प्राप्त कर सके और यूजर्स को मूल्यवान content उपलब्ध करा सकें।

Blog में Keyword Density कम या जयादा होने से क्या होता है?

ब्लॉग में Keyword Density का अधिक या कम होना दोनो ही अलग-अलग प्रभाव डालते हैं। यहां आपको जायदा और कम Keyword Density होने के कुछ प्रभाव के बारे में बताया गया है: 👇👇

जयादा Keyword Density: ⬆️

  1. Search Engine Penalties: अगर आप Keyword Density को अत्याधिक इस्तमाल करते हैं, जैसे कि keyword स्टफिंग, तो सर्च इंजन आपको spamming की तरह देख सकते हैं। इससे आपकी webpage की search engine ranking पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और आप पेनालाइज्ड हो सकते हैं।
  2. Poor User Experience: अगर आप Keyword Density को इतना ज्यादा करते हैं कि आपके content की readability और नेचुरल फ्लो पर प्रभाव पड़ता है, तो यूजर्स को आपकी blog post पढ़ने में परेशानी हो सकती है। जायदा Keyword Density से आपका content अस्वाभाविक और स्पैमी लग सकता है, जिसे यूजर्स का user experience खराब हो सकता है।

कम Keyword Density: ⬇️

  1. Low Relevance: अगर आप target keyword को blog post में low density से इस्तमाल करते हैं, तो सर्च इंजन को समझने में मुश्किल हो सकती है कि आपका content किस विषय पर फोकस कर रहा है। इसे आपकी webpage की relevancy search engine के लिए कम हो सकती है और आपकी ranking पर असर पड़ सकता है।
  2. Missed Ranking Opportunities: कम Keyword Density से आपके blog post को वो प्रमुखता और महत्व नहीं मिलता है जो सर्च इंजन हमें keyword से उम्मीद करते हैं। इसे आपको वो ranking के अवसर याद आते हैं जो ज्यादा Keyword Density वाले content क्रिएटर्स को मिल सकते हैं।
  3. Reduced Search Visibility: कम Keyword Density से आपकी सर्च विजिबिलिटी कम हो सकती है। अगर आपका target keyword बहुत कम इस्तमाल हुआ है, तो सर्च इंजन के लिए आपकी blog post को हमारे keyword के लिए relevant समझ नहीं पाएंगे और आपकी webpage कम लोगो तक पहुंच सकती है।

इसलिए, Keyword Density को समझदार तारिके से और मात्रा में इस्तमाल करना जरूरी है। आपको Keyword Density के साथ-साथ Overall content optimization, relevancy, user experience, और high quality content पर भी ध्यान देना चाहिए।

Keyword Density Calculate करने के लिए Best Tools 2023

2023 में Keyword Density की गणना करने के लिए top tool websites की list निम्नलिखित है: 👇✅

  1. SEMrush
  2. Ahrefs
  3. Moz
  4. Google Keyword Planner
  5. Yoast SEO
  6. SE Ranking
  7. KWFinder
  8. Long Tail Pro
  9. Rank Math
  10. Serpstat

Conclusion

तो दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हमने जाना कि Keyword Density क्या है और इसका SEO में क्या नुकसान है

इस ब्लॉग पोस्ट में हमने Keyword density in Hindi के बारे में हर फैक्टर की जानकारी देने की कोसिस की है अगर आपको इस पोस्ट से लेकर कोई सवाल या सुझाव है तो हमें comment बॉक्स में जरूर बताये

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